Sukma Health Survey: सुकमा जिले के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर स्वास्थ्य सर्वे अभियान
सुकमा। माओवाद प्रभावित इलाकों में अब स्वास्थ्य सेवाएं घर-घर पहुंच रही हैं। सुकमा कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियद नेल्लानार योजना के तहत कोंटा विकासखंड के 125 गांवों में घर-घर स्वास्थ्य सर्वे अभियान चलाया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दुर्गम और पहुंचविहीन ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को उनके द्वार पर ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने ग्रामीणों के घर-घर जाकर उनकी स्वास्थ्य जांच की और विभिन्न बीमारियों की पहचान की। विशेष रूप से नेत्र सुरक्षा कार्यक्रम पर इस सर्वे में खास ध्यान दिया गया।
सीएमएचओ डॉ. आर.के. गुप्ता ने बताया कि सर्वे में बड़ी संख्या में मोतियाबिंद के मरीजों का चिन्हांकन किया गया है। आंकड़ों के अनुसार, कुल 624 मरीज मोतियाबिंद से पीड़ित पाए गए हैं, जिनमें 132 एक आंख में और 492 दोनों आंखों में मोतियाबिंद से प्रभावित हैं।
बीएमओ कोंटा ने बताया कि इन सभी मरीजों के लिए जिला अस्पताल सुकमा में विशेष नि:शुल्क मोतियाबिंद शिविर आयोजित किए जाएंगे। शिविर में मरीजों की जांच, सर्जरी और दवाओं की सुविधा पूरी तरह निःशुल्क होगी। इसके अलावा मरीजों के लाने-ले जाने, भोजन एवं आवास की व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी।
कलेक्टर ध्रुव ने बताया कि यह सर्वे अभियान स्वास्थ्य सेवाओं को सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का प्रयास है कि जिले के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मिले और कोई भी व्यक्ति इलाज के अभाव में पीड़ित न रहे।
इस अभियान से न केवल ग्रामीणों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि भविष्य में बीमारियों की रोकथाम में भी मदद मिलेगी।




