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12 साल बाद ताबड़तोड़ 2500 से ज्यादा प्राचार्यों की पदस्थापना, शिक्षा मंत्री ने बताया- सुधार अभियान का हिस्सा

रायपुर: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्षों से चली आ रही एक बड़ी प्रशासनिक समस्या का समाधान कर दिया है। टी संवर्ग में वर्ष 2013 और ई संवर्ग में वर्ष 2016 के बाद पहली बार हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालयों में बड़े पैमाने पर प्राचार्यों की पदोन्नति की गई है।

​प्राचार्य के पद लंबे समय से रिक्त होने के कारण विद्यालयों की प्रशासनिक और शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। इस समस्या को देखते हुए विभाग ने टी संवर्ग में 1335 व्याख्याताओं/प्रधान पाठकों और ई संवर्ग में 1478 व्याख्याताओं/प्रधान पाठकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नत किया। यह कुल 2813 शिक्षकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

​2504 प्राचार्यों की पदस्थापना: काउंसिलिंग प्रक्रिया से मिली गति

​पदोन्नति आदेश जारी होने के बाद पदस्थापना की प्रक्रिया पर माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने दायर याचिकाओं के कारण रोक लगा दी थी। हालांकि, न्यायालय द्वारा याचिकाएँ खारिज किए जाने के बाद शासन ने पदस्थापना की कार्यवाही को तुरंत फिर से शुरू किया।

​शासन के निर्धारित प्रक्रिया के तहत, पारदर्शी तरीके से काउंसिलिंग के माध्यम से प्राचार्यों की पदस्थापना की गई:

  1. टी संवर्ग: 20 अगस्त 2025 से 23 अगस्त 2025 तक काउंसिलिंग हुई, जिसके बाद 1222 प्राचार्यों की पदस्थापना के आदेश जारी किए गए।
  2. ई संवर्ग: 21 नवंबर 2025 से 24 नवंबर 2025 तक काउंसिलिंग आयोजित की गई, जिसके अनुसार 1284 पदोन्नत प्राचार्यों के पदस्थापना आदेश जारी किए जा रहे हैं।

​इस पूरी प्रक्रिया में कुल 2504 पदोन्नत प्राचार्यों को उनकी नई जिम्मेदारी सौंपने के लिए पदस्थ किया गया है।

​स्कूल शिक्षा मंत्री का ज़ोर: ‘सक्षम नेतृत्व हमारी प्राथमिकता’

​स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने इस महत्वपूर्ण कदम पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने जोर देकर कहा कि लंबे समय से रिक्त प्राचार्य पदों के कारण स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था पर असर पड़ रहा था।

​स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा, “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विद्यालयों में सक्षम नेतृत्व आवश्यक है। बड़े पैमाने पर की गई यह पदोन्नति और पदस्थापना राज्य के विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत प्रदान करेगी तथा विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्रदान करेगी।”

​उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम स्कूल शिक्षा विभाग के व्यापक सुधार अभियान का हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य हर विद्यालय में मजबूत नेतृत्व सुनिश्चित करना है।

​शैक्षणिक व्यवस्था और गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद

​प्राचार्यों के रिक्त पदों की पूर्ति होने से अब विद्यालयों में प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से चल पाएगी। शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि इस निर्णय से शिक्षण-अधिगम (Teaching-Learning) प्रक्रिया में सुधार होने के साथ-साथ राज्य के सभी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह कदम छत्तीसगढ़ में शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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