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Chhattisgarh Food Processing: छत्तीसगढ़ को मिलेगी बड़ी सौगात! CM साय ने दिल्ली में चिराग पासवान से मांगा NIFTEM

Chhattisgarh Food Processing: छत्तीसगढ़ को खाद्य प्रसंस्करण और कृषि-आधारित उद्योगों का केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल हुई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 24 नवंबर 2025 नई दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री चिराग पासवान से उनके कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। इस बैठक में राज्य में खाद्य सुरक्षा, कृषि-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजित करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कई महत्वपूर्ण संस्थानों की स्थापना और बड़े आयोजनों को लेकर सहयोग की मांग की।

1. NIFTEM संस्थान की स्थापना से युवाओं को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री से सबसे बड़ा आग्रह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (NIFTEM) संस्थान की स्थापना को लेकर किया।

मुख्यमंत्री का तर्क:

  • उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ एक मजबूत कृषि प्रधान राज्य है, जहाँ धान, फल और सब्जियों का प्रचुर उत्पादन होता है।
  • NIFTEM की स्थापना से राज्य के हजारों युवाओं को आधुनिक खाद्य तकनीक, उद्यमिता और प्रबंधन (Entrepreneurship) का उच्चस्तरीय प्रशिक्षण मिल सकेगा।
  • यह संस्थान केवल छात्रों को ही नहीं, बल्कि सीधे किसानों और छोटे खाद्य-आधारित उद्यमों को भी तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, जिससे उनकी उपज को बेहतर दाम मिल सकेगा।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार करते हुए सकारात्मक रुख दिखाया और मुख्यमंत्री को इस दिशा में हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।

2. वर्ल्ड फूड इंडिया रीजनल समिट अब रायपुर में

मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष एक और बड़ा प्रस्ताव रखा। उन्होंने अनुरोध किया कि ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय फूड फेस्टिवल का क्षेत्रीय समिट (Regional Summit) अब दिल्ली और गुवाहाटी के अलावा रायपुर में भी आयोजित किया जाए।

  • आयोजन का उद्देश्य: यह आयोजन छत्तीसगढ़ की समृद्ध और अनूठी क्षेत्रीय पाक-परंपराओं (Regional Cuisines) को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाएगा।
  • फायदा: इससे नए खाद्य-आधारित स्टार्टअप्स और उद्यमों के लिए बड़े अवसर उत्पन्न होंगे।
  • प्रस्तावित मॉडल: मुख्यमंत्री ने सुझाया कि यह फेस्टिवल हर दो वर्ष में आयोजित किया जाए, जिससे खाद्य उद्योग में निरंतर गति बनी रहे।

3. ₹1,000 करोड़ का बड़ा निवेश और 3,000 नए रोज़गार

मुख्यमंत्री साय ने केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की सफलता के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को विशेष प्राथमिकता दे रही है और निवेशकों को कई तरह के अतिरिक्त प्रोत्साहन दे रही है।

  • उदाहरण के तौर पर: इसी नीति के तहत, Drools कंपनी द्वारा छत्तीसगढ़ में ₹1,000 करोड़ का बड़ा निवेश किया जा रहा है।
  • रोजगार सृजन: इस निवेश से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 3,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसका सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण और आदिवासी समुदायों तक पहुँचेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

4. फूड टेस्टिंग लैब और राइस ब्रान ऑयल हब पर जोर

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में खाद्य सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र से सहयोग मांगा।

  • बुनियादी ढांचा: उन्होंने कहा कि राज्य में फूड टेस्टिंग लैब और खाद्य उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए फूड इर्रेडिएशन यूनिट स्थापित करने की तत्काल आवश्यकता है।
  • राइस ब्रान ऑयल विजन: मुख्यमंत्री श्री साय ने दोहराया कि राज्य सरकार का लक्ष्य छत्तीसगढ़ को ‘राइस ब्रान ऑयल हब’ के रूप में विकसित करना है। इससे तेल आयात पर देश की निर्भरता कम होगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री पासवान को विश्वास दिलाया कि इन प्रयासों के माध्यम से ‘आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़’ का लक्ष्य विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत तथा इन्वेस्टमेंट कमिश्नर रितु सेन भी उपस्थित थीं।

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