संसद शीतकालीन सत्र से पहले PM मोदी का विपक्ष को दो टूक संदेश
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले विपक्ष को स्पष्ट संकेत दिया है कि सरकार का ध्यान केवल सदन के कामकाज और जनहित से जुड़े कानूनों को पास कराने पर रहेगा। उनका संदेश साफ बताता है कि वह हंगामे और अनावश्यक विरोध में समय गंवाने के पक्ष में नहीं हैं।
PM मोदी ने यह संदेश ऐसे समय दिया है जब शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष कई महत्वपूर्ण मुद्दों, जैसे महंगाई, बेरोजगारी और सरकार की नीतियों पर तीखे सवाल उठाने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि सदन का समय रचनात्मक बहस और देश के विकास से जुड़े फैसलों को अमलीजामा पहनाने में लगे।
क्या होगा शीतकालीन सत्र का एजेंडा?
शीतकालीन सत्र आमतौर पर काफी हंगामेदार रहता है, लेकिन प्रधानमंत्री के इस कड़े संदेश के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की संभावना और बढ़ सकती है। सरकार की ओर से सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाने की उम्मीद है।
यह संदेश न केवल विपक्ष के लिए है, बल्कि सत्ता पक्ष के सांसदों के लिए भी एक निर्देश है कि उन्हें सदन में शांति और जिम्मेदारी के साथ काम करना है, ताकि जनता के पैसे और समय का सही इस्तेमाल हो सके।

