
रायपुर: बस्तर ओलंपिक-2025 की संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं के आयोजन को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्रीद्वय अरुण साव और विजय शर्मा ने तैयारियों की गहन समीक्षा की। ये प्रतियोगिताएं संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में 11 दिसंबर से 13 दिसंबर तक आयोजित की जाएंगी।
उप मुख्यमंत्री और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अरुण साव ने इस आयोजन को ‘विकास और खेल का संगम’ बताया। उन्होंने ज़ोर दिया कि बस्तर ओलंपिक बस्तर के युवाओं को सशक्त बनाने और उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित करने की एक पहल है। राज्य सरकार चाहती है कि बस्तर के युवा खेल, संस्कृति और रचनात्मक गतिविधियों से जुड़ें।
उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय से काम करते हुए प्रतिभागियों के लिए उत्कृष्ट व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साव ने कहा कि इस आयोजन से देश और दुनिया में बस्तर का एक बहुत ही सकारात्मक संदेश जाना चाहिए।
3000 से अधिक विजेता होंगे शामिल
बस्तर जिले के प्रभारी खेल अधिकारी ऋषिकेश तिवारी ने बैठक में बताया कि बस्तर ओलंपिक को लेकर युवाओं में जबरदस्त उत्साह है। संभाग के सभी 32 विकासखंडों से कुल 3 लाख 91 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने अपना पंजीकरण कराया था।
- जिला स्तरीय विजेता: विकासखंड स्तर के विजेताओं ने जिला स्तरीय स्पर्धाओं में भाग लिया, जिनमें से करीब तीन हजार विजेता खिलाड़ी अब संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपना खेल कौशल दिखाएंगे।
- नक्सल प्रभावितों की भागीदारी: इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें लगभग 500 नक्सल पीड़ित और पुनर्वासित नक्सली भी हिस्सा लेंगे। यह कदम उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने में सहायक होगा।
खेल और आयोजन स्थल
संभाग स्तरीय स्पर्धाओं में कुल 11 खेलों को शामिल किया गया है। ये खेल हैं:
- एथलेटिक्स
- तीरंदाजी (Archery)
- बैडमिंटन
- फुटबॉल
- हॉकी
- वेटलिफ्टिंग (भारोत्तोलन)
- कराटे
- कबड्डी
- खो-खो
- वॉलीबॉल
- रस्साखींच (Tug of War)
जगदलपुर में आयोजन स्थल:
| खेल | आयोजन स्थल |
|---|---|
| फुटबॉल, वॉलीबॉल, कराटे, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन | सिटी ग्राउंड, जगदलपुर |
| हॉकी | पंडरीपानी स्थित खेलो इंडिया सेंटर |
| कबड्डी, खो-खो, आर्चरी, एथलेटिक्स, रस्साकसी | धरमपुरा स्थित क्रीड़ा परिसर |
यूथ-आइकॉन बनाने पर ज़ोर
उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने अधिकारियों को इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए गंभीरता से अपने दायित्वों का निर्वहन करने को कहा। उन्होंने बस्तर के युवाओं को प्रेरित करने के लिए स्थानीय लोगों के साथ ही ज्यादा से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ियों को आयोजन से जोड़ने का सुझाव दिया।
साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को पिछले और इस बार के बस्तर ओलंपिक के विजेताओं को यूथ-आइकॉन बनाकर उन्हें ज्यादा से ज्यादा गतिविधियों में शामिल करने को कहा, ताकि अन्य युवा भी खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित हो सकें।





