Bihar Oath Ceremony: गांधी मैदान में ‘सुशासन’ की गूंज, नीतीश कुमार 10वीं बार बने सीएम

पटना: बिहार के राजनीतिक इतिहास में 20 नवंबर 2025 का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान गवाह बना उस पल का, जब ‘सुशासन बाबू’ यानी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2025 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को मिली 202 सीटों की ऐतिहासिक और प्रचंड जीत के बाद यह शपथ ग्रहण समारोह शक्ति प्रदर्शन और उत्सव का संगम बन गया।
गांधी मैदान में शक्ति प्रदर्शन और भव्यता
आमतौर पर राजभवन में शपथ लेने वाले नीतीश कुमार ने इस बार गांधी मैदान को चुना, जो एनडीए की विशाल जीत का प्रतीक है।
- दिग्गजों का जमावड़ा: समारोह की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत एनडीए के कई शीर्ष नेता मौजूद रहे।
- शपथ ग्रहण: राज्यपाल ने ठीक 11:30 बजे नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही “नीतीश कुमार जिंदाबाद” और “जय श्री राम” के नारों से पूरा मैदान गूंज उठा।
2025 का जनादेश: 243 में से 202 सीटें
यह शपथ ग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि बिहार की जनता ने इस बार एनडीए को एकतरफा प्यार दिया है। 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया है। घटनाक्रम की बात करें तो, नीतीश कुमार ने बुधवार को तकनीकी रूप से इस्तीफा दिया था और अगले ही दिन राज्यपाल के सामने 202 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया।
किले में तब्दील पटना
समारोह को देखते हुए पटना की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।
- गांधी मैदान और आसपास के इलाकों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई।
- चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी और भारी पुलिस बल की तैनाती रही ताकि वीवीआईपी मूवमेंट और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
नई सरकार के सामने चुनौतियां और लक्ष्य
इस जीत को जनता ने “विकसित बिहार” (Developed Bihar) के सपने पर मुहर माना है। हालांकि, 10वीं बार कुर्सी संभालने वाले नीतीश कुमार के सामने कई चुनौतियां भी हैं:
- रोजगार: युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार देना।
- कानून व्यवस्था: अपराध पर लगाम लगाकर ‘सुशासन’ को और मजबूत करना।
- जातीय संतुलन: प्रचंड बहुमत के साथ सभी सामाजिक वर्गों की आकांक्षाओं को पूरा करना।





