नई दिल्ली/रायपुर: जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी की दिशा में एक ऐतिहासिक सफलता अर्जित करते हुए, छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है। आज विज्ञान भवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में, राष्ट्रपति ने रायपुर जिला प्रशासन और रायपुर नगर निगम को उनके अभिनव ‘जल संचय जन भागीदार (JSJB) 1.0’ अभियान के लिए सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल निर्देशन में, रायपुर ने जल संरक्षण को एक जन आंदोलन का रूप दिया। यह पहली बार है जब इस विशिष्ट श्रेणी में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया है, जो इस उपलब्धि के महत्व को और बढ़ाता है।
राष्ट्रीय स्तर पर रायपुर की शानदार उपलब्धियाँ
जल संचय जन भागीदार अभियान के तहत रायपुर ने राष्ट्रीय पटल पर अपनी छाप छोड़ी है:
नगर निगम श्रेणी में प्रथम स्थान: देश भर के नगर निगमों में रायपुर नगर निगम ने सर्वाधिक कार्य पूर्ण करते हुए पहला स्थान हासिल किया है।
- राज्य श्रेणी में द्वितीय स्थान: जल संरक्षण के प्रयासों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य ने राज्यों की श्रेणी में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
- ईस्टर्न ज़ोन में तीसरा स्थान: रायपुर जिले ने ईस्टर्न ज़ोन की कैटेगरी 01 में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
– पुरस्कार, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह और नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के कर कमलों से ग्रहण किया।
जनभागीदारी से रिकॉर्ड तोड़ काम
रायपुर जिला प्रशासन की यह उपलब्धि स्थानीय निकाय और आम जनता की सक्रिय संयुक्त भागीदारी का परिणाम है। इस अभियान के तहत, जल संरक्षण के कई महत्वपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक पूरे किए गए:
कार्य निष्पादन का रिकॉर्ड: रायपुर नगर निगम ने 33,082 कार्य, रायपुर जिले ने 36,282 कार्य और पूरे छत्तीसगढ़ राज्य ने 4,05,563 कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किए। संरचनाओं का निर्माण: इन कार्यों में बड़े पैमाने पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन), रिचार्ज पिट्स, अमृत सरोवर, टॉप डैम और परकोलेशन टैंक का निर्माण शामिल है, जिससे भू-जल स्तर को रिचार्ज करने में मदद मिली है।
स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट और अपशिष्ट प्रबंधन
रायपुर ने सिर्फ जल संचयन ही नहीं, बल्कि जल के बुद्धिमानी पूर्ण उपयोग और प्रबंधन में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है:
- तरल अपशिष्ट प्रबंधन (LWM): रायपुर में चार (4) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के माध्यम से 206 MLD (मिलियन लीटर प्रतिदिन) क्षमता विकसित की गई है।
- पुन:उपयोग: शहर की 9 औद्योगिक इकाइयों को 125.849 MLD शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई, जिससे मीठे पानी के उपयोग को कम किया जा सका।
- शहरी विकास: रायपुर नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में वर्षा जल संचयन और रिचार्ज पिट्स का निर्माण किया गया। साथ ही, शहर के आस-पास के 20 से अधिक पुराने सरोवरों का सफलतापूर्वक पुनर्जीवन किया गया है, जिससे शहर की जलधाराओं को नया जीवन मिला है।
- डिजिटल निगरानी: भू-जल स्तर की निरंतर और सटीक निगरानी के लिए स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम की भी शुरुआत की गई है।
रायपुर की यह उपलब्धि देश के अन्य जिलों और नगर निगमों के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे सामुदायिक भागीदारी के साथ जल संरक्षण के बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।





